8th Pay Commission Update : केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए अच्छी खबर है! 8वें वेतन आयोग को लेकर चर्चा जोरों पर है, और कयास लगाए जा रहे हैं कि इससे सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में 40-50% तक बढ़ोतरी हो सकती है। अगर ऐसा होता है, तो लाखों सरकारी कर्मचारियों की जेब भारी हो जाएगी।
क्यों जरूरी है 8वां वेतन आयोग
भारत सरकार हर 10 साल में नया वेतन आयोग लाती है, ताकि सरकारी कर्मचारियों की सैलरी को महंगाई और बदली हुई आर्थिक परिस्थितियों के हिसाब से सुधारा जा सके। 7वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था, और अब यह अपनी मियाद पूरी करने वाला है। ऐसे में 8वें वेतन आयोग की जरूरत महसूस की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार 2025 के अप्रैल तक 8वें वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। आमतौर पर वेतन आयोग में एक चेयरमैन और दो मेंबर होते हैं, जो वित्त और प्रशासन से जुड़े विशेषज्ञ होते हैं। इस आयोग को रिपोर्ट तैयार करने में करीब एक साल का समय मिलता है, और फिर सरकार इसे लागू करने का फैसला करती है।
फिटमेंट फैक्टर से होगा बड़ा फायदा
सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने में सबसे बड़ा रोल ‘फिटमेंट फैक्टर’ का होता है। अभी 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 है, यानी कर्मचारी का बेसिक पे 2.57 गुना कर दिया गया था। लेकिन 8वें वेतन आयोग में इसे 2.86 तक बढ़ाने की चर्चा है।
इससे कर्मचारियों की सैलरी में अच्छा खासा इजाफा होगा। उदाहरण के लिए:
- अगर किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी ₹21,000 है, तो नए फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से यह बढ़कर ₹60,060 (21,000 × 2.86) हो सकती है।
- इसी तरह, मौजूदा न्यूनतम पेंशन ₹8,000 है, जो बढ़कर ₹20,480 (8,000 × 2.86) हो सकती है।
भत्तों में भी होंगे बदलाव
सिर्फ सैलरी ही नहीं, बल्कि सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले भत्तों में भी बदलाव हो सकता है। 7वें वेतन आयोग में 196 भत्तों की समीक्षा की गई थी, जिसमें से 95 भत्ते जारी रखे गए थे और 101 भत्ते खत्म कर दिए गए थे।
8वें वेतन आयोग में भी ऐसा ही कुछ हो सकता है। पुराने और अप्रासंगिक भत्तों को हटाकर नए भत्ते जोड़े जा सकते हैं। मौजूदा वर्क कल्चर को देखते हुए रिमोट वर्क भत्ता, डिजिटल कौशल भत्ता और ग्रीन ट्रैवल भत्ता जैसे नए भत्ते पेश किए जा सकते हैं।
न्यूनतम वेतन में हो सकता है बड़ा इजाफा
7वें वेतन आयोग ने न्यूनतम वेतन ₹9,000 से बढ़ाकर ₹18,000 कर दिया था। अब कर्मचारी संघों की मांग है कि इसे ₹26,000-30,000 तक किया जाए। इसका सीधा असर महंगाई और जीवन यापन की लागत पर पड़ेगा।
अगर न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी होती है, तो सिर्फ नए भर्ती हुए कर्मचारियों को ही नहीं, बल्कि पुराने कर्मचारियों को भी इसका फायदा मिलेगा।
पेंशनर्स को भी मिलेगा फायदा
8वें वेतन आयोग के तहत पेंशनर्स को भी राहत मिलने की उम्मीद है। अभी सरकारी पेंशन अंतिम बेसिक सैलरी के 50% के बराबर होती है, लेकिन नए आयोग में इसे बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।
इसके अलावा, महंगाई राहत (DA) में भी सुधार हो सकता है, जिससे पेंशनर्स को महंगाई के असर से सुरक्षा मिलेगी। देशभर में करीब 60 लाख से ज्यादा पेंशनर्स को इस बदलाव का फायदा होगा।
कब से लागू होगा 8वां वेतन आयोग
अगर अप्रैल 2025 तक 8वें वेतन आयोग का गठन हो जाता है, तो इसकी रिपोर्ट 2026 के मध्य तक तैयार हो सकती है। इसके बाद सरकार इसे मंजूरी देकर लागू करेगी, जो 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत तक संभव है।
सरकार के लिए क्या होंगी चुनौतियां
सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी करना सरकार के लिए आसान नहीं होगा। सबसे बड़ी चुनौती सरकार पर बढ़ने वाला वित्तीय बोझ है। वेतन बढ़ाने से सरकारी खजाने पर भारी असर पड़ेगा।
इसके अलावा, विभिन्न ग्रेड और विभागों के कर्मचारियों के बीच सैलरी असमानता को भी दूर करना सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।
आर्थिक असर और फायदे
8वें वेतन आयोग से लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 60 लाख पेंशनर्स सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। सैलरी बढ़ने से इनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
इसके अलावा, सरकार को टैक्स के रूप में ज्यादा राजस्व मिलेगा, जिससे विकास योजनाओं में मदद मिलेगी।
अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं
फिलहाल 8वें वेतन आयोग को लेकर सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है। लेकिन खबरें बता रही हैं कि जल्द ही इस पर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को सलाह दी जाती है कि वे इस मुद्दे पर आधिकारिक सूचनाओं पर नजर बनाए रखें और अफवाहों से बचें।