महंगाई भत्ता मर्ज पर सरकार का बड़ा फैसला! सरकार ने दिया चौंकाने वाला जवाब DA Merger

DA Merger : केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए DA Merger को लेकर लंबे समय से चर्चा हो रही थी। बहुत से लोग उम्मीद कर रहे थे कि सरकार 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) से पहले ही महंगाई भत्ते (DA) को बेसिक सैलरी में मर्ज कर सकती है, जिससे वेतन में अच्छी बढ़ोतरी होगी। लेकिन अब सरकार ने इस मुद्दे पर लिखित जवाब दे दिया है, जिससे यह साफ हो गया है कि फिलहाल ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला। आइए जानते हैं कि आखिर सरकार का इस पर क्या कहना है और कर्मचारियों को आगे क्या उम्मीद रखनी चाहिए।

DA मर्ज की चर्चाएं क्यों हो रही थीं

जब भी महंगाई भत्ता (DA) 50% के पार चला जाता है, तो कर्मचारियों की ओर से इसे बेसिक सैलरी में जोड़ने की मांग की जाने लगती है। पहले के नियमों के मुताबिक, जब भी DA 50% को पार करता था, इसे मूल वेतन में जोड़ दिया जाता था। फिलहाल, 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत कर्मचारियों को 53% डीए मिल रहा है।

बढ़ती महंगाई के बीच महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) का बड़ा रोल होता है, क्योंकि यह कर्मचारियों और पेंशनर्स को आर्थिक मदद देता है। इसी वजह से कई कर्मचारी उम्मीद कर रहे थे कि सरकार इसे जल्द ही बेसिक सैलरी में मर्ज कर सकती है। अब यह सवाल उठ रहे थे कि क्या सरकार 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट आने से पहले डीए को बेसिक सैलरी में मर्ज करेगी? इस मुद्दे पर सरकार ने राज्यसभा में सांसदों के सवाल का लिखित जवाब दिया है।

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सरकार का जवाब क्या है

राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस सवाल पर लिखित जवाब दिया है। उन्होंने साफ कर दिया कि सरकार की फिलहाल DA को बेसिक सैलरी में मर्ज करने की कोई योजना नहीं है। यानी 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) लागू होने से पहले ऐसा कुछ भी नहीं होगा।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि DA और DR को मूल वेतन से अलग ही रखा जाता है और इसे मर्ज करने की कोई अनिवार्यता नहीं है। इसका मकसद कर्मचारियों और पेंशनर्स को बढ़ती महंगाई से राहत देना है।

साल में दो बार होता है DA संशोधन

सरकार हर साल दो बार डीए की समीक्षा करती है। पहली बढ़ोतरी 1 जनवरी से 30 जून के लिए होती है और दूसरी 1 जुलाई से 31 दिसंबर के लिए। यह बदलाव ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) के आंकड़ों के आधार पर किया जाता है।

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कर्मचारियों को उम्मीद थी कि सरकार DA को बेसिक सैलरी में मर्ज करने का कोई प्लान लेकर आ सकती है, जिससे उनकी सैलरी में बड़ा उछाल आएगा। लेकिन सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है कि ऐसी कोई योजना नहीं बनाई गई है।

DA और DR अलग क्यों रखे जाते हैं

वित्त राज्यमंत्री पहले भी यह साफ कर चुके हैं कि महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) को बेसिक सैलरी से अलग रखा जाता है। यह कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई के असर से बचाने के लिए दिया जाता है।

DA और DR को केंद्र सरकार के लेबर ब्यूरो, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा तय किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि वे बढ़ती महंगाई से निपट सकें।

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7वें वेतन आयोग में अब तक कितनी बार बढ़ा DA

7वें वेतन आयोग को 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया था और तब से लेकर अब तक DA में कुल 15 बार बढ़ोतरी हो चुकी है।

हालांकि, कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने तीन तिमाही का डीए रोक दिया था। लेकिन उसके बाद इसे फिर से बढ़ाया गया।

आगे क्या हो सकता है

सरकार ने अभी तो DA को बेसिक सैलरी में मर्ज करने से मना कर दिया है, लेकिन आगे चलकर इस पर क्या फैसला होगा, यह देखना दिलचस्प रहेगा। फिलहाल कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग का इंतजार करना होगा, जिसमें उनके वेतन को लेकर बड़े बदलाव हो सकते हैं।

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अगर सरकार भविष्य में DA Merger को लेकर कोई नया फैसला लेती है, तो इससे कर्मचारियों और पेंशनर्स को सीधा फायदा होगा। लेकिन अभी के लिए सरकार ने यह साफ कर दिया है कि DA को बेसिक सैलरी में मर्ज करने की कोई योजना नहीं है।

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