लोन लेने वालों के लिए खुशखबरी! EMI बाउंस होने पर भी नहीं देना होगा कोई जुर्माना, जानें पूरा नियम – EMI Bounce Penalty

EMI Bounce Penalty – अगर आपने कभी लोन लिया है या लेने की योजना बना रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी हो सकती है। लोन लेने के बाद समय पर ईएमआई का भुगतान करना बेहद आवश्यक होता है, क्योंकि अगर किसी कारणवश ईएमआई बाउंस हो जाती है, तो आपको पेनाल्टी के साथ-साथ कई अन्य वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसे तरीके हैं, जिनसे आप पेनाल्टी से बच सकते हैं और अपने क्रेडिट स्कोर को भी सुरक्षित रख सकते हैं।

ईएमआई बाउंस होने पर लगने वाले चार्जेस

हर बैंक की अपनी अलग नीतियां होती हैं और ईएमआई बाउंस होने पर वे विभिन्न प्रकार के चार्ज वसूलते हैं। कुछ बैंकों के नियम इस प्रकार हैं:

  1. एचडीएफसी बैंक: 100 रुपये से 1,300 रुपये तक का जुर्माना
  2. कोटक महिंद्रा बैंक: चूक की गई राशि का 8% जुर्माने के रूप में वसूलता है
  3. आईसीआईसीआई बैंक: 100 रुपये से 1,000 रुपये तक का जुर्माना

इसके अलावा, अगर उधारकर्ता बार-बार भुगतान चूकता है, तो उसे ब्याज पर ब्याज भी देना पड़ सकता है। इस वजह से पुनर्भुगतान शेड्यूल और बैंक की शर्तों को सही से समझना बहुत जरूरी हो जाता है।

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क्रेडिट स्कोर पर पड़ने वाला असर

ईएमआई बाउंस होने से सबसे बड़ा नुकसान आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है। अगर कोई व्यक्ति समय पर भुगतान नहीं कर पाता है, तो उसका क्रेडिट स्कोर प्रभावित होता है और भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है। क्रेडिट स्कोर पिछले 36 महीनों की क्रेडिट हिस्ट्री पर निर्भर करता है। अगर डिफॉल्ट ज्यादा बढ़ जाता है, तो बैंक आपके लोन आवेदन को अस्वीकार भी कर सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि समय पर भुगतान करें और अगर किसी कारणवश चूक हो जाती है, तो तुरंत समाधान के उपाय अपनाएं।

ईएमआई बाउंस होने पर पेनाल्टी से बचने के तरीके

बैंक से बातचीत करें

यदि आपकी ईएमआई बाउंस हो गई है, तो तुरंत अपने बैंक की ग्राहक सेवा से संपर्क करें। कुछ बैंक पॉलिसी ऐसी होती हैं, जिनमें विलंब शुल्क माफ किया जा सकता है, खासकर अगर यह पहली बार हुआ हो।

ऑटो-डेबिट सुविधा का उपयोग करें

अगर आप बार-बार ईएमआई भुगतान भूल जाते हैं, तो अपने बैंक खाते से ऑटो-डेबिट सुविधा चालू करवा सकते हैं। इससे हर महीने समय पर ईएमआई का भुगतान हो जाएगा।

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अतिरिक्त धनराशि रखें

अपने बैंक खाते में हमेशा अतिरिक्त बैलेंस बनाए रखें, ताकि भुगतान की तारीख आने पर पर्याप्त धन उपलब्ध हो।

पुनर्भुगतान योजना बनाएं

अगर आप लंबे समय तक ईएमआई नहीं चुका सकते हैं, तो अपने बैंक से संपर्क करें और पुनर्भुगतान योजना पर चर्चा करें। कई बैंक ऐसे मामलों में राहत देने के लिए तैयार होते हैं।

लोन रिस्ट्रक्चरिंग का विकल्प

यदि आर्थिक स्थिति खराब हो गई है और लोन चुकाना मुश्किल हो रहा है, तो आप बैंक से लोन रिस्ट्रक्चरिंग का अनुरोध कर सकते हैं। इससे आपकी ईएमआई को कम किया जा सकता है।

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बजट प्रबंधन करें

अपने मासिक खर्चों की सही योजना बनाएं ताकि आपकी ईएमआई समय पर भरी जा सके। अनावश्यक खर्चों से बचें और अपनी प्राथमिकताओं को समझें।

क्रेडिट कार्ड से मदद लें

अगर संभव हो तो आप अस्थायी रूप से अपने क्रेडिट कार्ड से भुगतान कर सकते हैं, लेकिन इसे जल्द से जल्द चुका देना जरूरी होगा ताकि अतिरिक्त ब्याज न देना पड़े।

ईएमआई बाउंस होने पर आरबीआई के नियम क्या कहते हैं?

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार, कोई खाता केवल तभी ओवरड्यू माना जाता है जब वह बिलिंग स्टेटमेंट में दी गई तारीख से तीन दिन से अधिक समय तक बकाया हो। यानी, अगर आपकी ईएमआई बाउंस हो गई है, तो आपको तुरंत बैंक से संपर्क करके समाधान निकालना चाहिए, ताकि यह आपके क्रेडिट स्कोर और वित्तीय स्थिति को अधिक नुकसान न पहुंचाए।

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लोन की ईएमआई का समय पर भुगतान करना आपकी वित्तीय स्थिरता के लिए बहुत जरूरी है। अगर किसी कारणवश ईएमआई बाउंस हो जाती है, तो घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि तुरंत सही कदम उठाने की जरूरत है। बैंक से संपर्क करें, ऑटो-डेबिट सुविधा चालू करें, बजट सही करें और जरूरत पड़ने पर लोन रिस्ट्रक्चरिंग के विकल्प पर विचार करें। इन छोटे-छोटे उपायों से आप पेनाल्टी से बच सकते हैं और अपने क्रेडिट स्कोर को भी सुरक्षित रख सकते हैं।

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