Government Employee Pension : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! पेंशन को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। अब सरकारी कर्मचारियों को उनकी बेसिक सैलरी का 50% हिस्सा पेंशन के रूप में मिलेगा। यह अपडेट खासतौर पर उन कर्मचारियों के लिए है जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत आते हैं। आइए जानते हैं इस नई पेंशन स्कीम से जुड़े सभी जरूरी डिटेल्स।
क्या है नया पेंशन अपडेट
सरकार की तरफ से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू की जा रही है। इससे जुड़े नए नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे। इस स्कीम के तहत कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीनों में मिली औसत मूल सैलरी का 50% पेंशन के रूप में दिया जाएगा। यानी जो कर्मचारी रिटायर होंगे, उन्हें अब उनकी आधी बेसिक सैलरी बतौर पेंशन मिलेगी।
किन कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
यह नया नियम उन सभी केंद्रीय कर्मचारियों पर लागू होगा जो NPS के तहत आते हैं। इसके अलावा, 1 अप्रैल 2025 के बाद सरकारी नौकरी में आने वाले नए कर्मचारियों को भी इस स्कीम का लाभ मिलेगा। यानी जो लोग पहले से नौकरी कर रहे हैं और जो भविष्य में सरकारी नौकरी जॉइन करेंगे, दोनों ही इस सुविधा का फायदा उठा सकेंगे।
कैसे होगा नामांकन
सरकार ने इस स्कीम को और भी आसान बना दिया है। अब कर्मचारी UPS पेंशन स्कीम के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। नामांकन और दावा फॉर्म 1 अप्रैल 2025 से ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। कर्मचारी चाहें तो एनपीएस से यूपीएस पेंशन स्कीम में स्विच भी कर सकते हैं। इसके अलावा, जो लोग ऑनलाइन फॉर्म भरने में सहज नहीं हैं, वे फिजिकल फॉर्म जमा करने का भी विकल्प चुन सकते हैं।
यूपीएस और एनपीएस में क्या फर्क है
एनपीएस (NPS) को जनवरी 2004 में लागू किया गया था। तब से अब तक इसमें कई बदलाव किए गए हैं, लेकिन कर्मचारियों की मांग पर सरकार ने अब यूपीएस (UPS) स्कीम भी पेश की है।
- यूपीएस स्कीम में पेंशन की गारंटी: इस स्कीम में 25 साल की नौकरी पूरी करने के बाद ही पूरी तरह से गारंटीड पेंशन मिलेगी। यानी अगर किसी कर्मचारी ने 25 साल से कम नौकरी की है और वह सेवा से हटाया जाता है, बर्खास्त किया जाता है या इस्तीफा देता है, तो उसे पूरी पेंशन नहीं मिलेगी।
- सेवानिवृत्ति के बाद की सुरक्षा: यूपीएस के तहत कर्मचारी को उसके आखिरी 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% हिस्सा पेंशन के रूप में मिलेगा। यह सुविधा एनपीएस में नहीं थी।
- चुनाव का विकल्प: सबसे अच्छी बात यह है कि कर्मचारी अपनी सुविधा के अनुसार एनपीएस और यूपीएस में से किसी एक को चुन सकते हैं। यानी अगर कोई कर्मचारी एनपीएस में ही बने रहना चाहता है, तो उसे जबरदस्ती यूपीएस में शामिल नहीं किया जाएगा।
नया नियम कब से होगा लागू
यूपीएस से जुड़े नए नियम 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे। इसका सीधा फायदा उन सभी कर्मचारियों को मिलेगा, जो इस तारीख तक सेवा में बने रहेंगे और एनपीएस के तहत आते हैं। इसके अलावा, अप्रैल 2025 के बाद भर्ती होने वाले कर्मचारियों को भी इस योजना का फायदा मिलेगा।
सरकार का बड़ा कदम
सरकार का यह फैसला लाखों केंद्रीय कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है। लंबे समय से सरकारी कर्मचारी अपनी पेंशन को लेकर चिंता जता रहे थे, खासतौर पर एनपीएस में शामिल कर्मचारियों को अपनी रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि को लेकर अनिश्चितता थी। ऐसे में यूपीएस एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प
सरकार ने यूपीएस स्कीम में शामिल होने की प्रक्रिया को भी बेहद आसान बनाया है।
- ऑनलाइन नामांकन: कर्मचारी घर बैठे ऑनलाइन पोर्टल के जरिए नामांकन कर सकते हैं
- फिजिकल फॉर्म जमा करने का ऑप्शन: जिन कर्मचारियों को ऑनलाइन प्रक्रिया समझ नहीं आती या जो दस्तावेज फिजिकल रूप में जमा करना चाहते हैं, उनके लिए ऑफलाइन सुविधा भी रखी गई है
क्या यह स्कीम सभी के लिए फायदेमंद है
यह स्कीम खासतौर पर उन कर्मचारियों के लिए फायदेमंद है जो पेंशन की गारंटी चाहते हैं। हालांकि, यह भी ध्यान रखना होगा कि अगर किसी कर्मचारी ने 25 साल की नौकरी पूरी नहीं की है और वह नौकरी छोड़ देता है या उसे बर्खास्त कर दिया जाता है, तो उसे पूरी पेंशन नहीं मिलेगी। इसलिए, जो कर्मचारी अपने पूरे करियर तक नौकरी में बने रहते हैं, उनके लिए यह स्कीम बेहद लाभदायक है।
कुल मिलाकर, सरकार का यह फैसला केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ा तोहफा है। इससे कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि को लेकर सुरक्षा मिलेगी और उनके भविष्य की चिंताओं को कम किया जा सकेगा। 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले इस नियम से लाखों कर्मचारियों को फायदा मिलने वाला है। अगर आप भी सरकारी कर्मचारी हैं, तो जल्द ही अपने पेंशन विकल्पों को लेकर निर्णय लें और सुनिश्चित करें कि आपको रिटायरमेंट के बाद अधिकतम लाभ मिल सके।