OLD Pension Scheme : पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लेकर सरकारी कर्मचारियों की मांग लंबे समय से जारी है। केंद्र सरकार के कर्मचारी ही नहीं, बल्कि राज्य सरकार के कर्मचारी भी इसको फिर से लागू करने की मांग कर रहे हैं। हाल ही में मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन इस मुद्दे पर बड़ी बहस हुई। कांग्रेस विधायक फंदे लाल मार्को ने विधानसभा में करीब साढ़े छह लाख कर्मचारियों के हक की बात उठाई। उन्होंने कहा कि सरकार अपने कर्मचारियों के बुढ़ापे का सहारा छीन रही है और इसे वापस लाने की जरूरत है।
पुरानी पेंशन योजना फिर से शुरू करने की मांग
पुष्पराजगढ़ से कांग्रेस विधायक बुंदेलाल मार्को ने भी सदन में इस मुद्दे को मजबूती से उठाया। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को संबोधित करते हुए कहा कि सालों तक सेवा करने के बाद जब कर्मचारी रिटायर होते हैं, तो उन्हें एक स्थायी सहारा चाहिए। लेकिन सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को खत्म कर उनके भविष्य की चिंता बढ़ा दी है। उनका कहना है कि सरकार को कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखना चाहिए और OPS को फिर से लागू करना चाहिए।
लगातार बढ़ रहे आंदोलन
पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से लागू करवाने के लिए कर्मचारी संगठन लगातार आंदोलन कर रहे हैं। अलग-अलग राज्यों में इसको लेकर कई प्रदर्शन हो चुके हैं। अब यह मामला विधानसभा में भी उठ चुका है, जिससे कर्मचारियों को उम्मीद बंध रही है। इतना ही नहीं, 23 मार्च को दिल्ली के जंतर-मंतर पर देशभर के कर्मचारी संगठन बड़े स्तर पर प्रदर्शन करने वाले हैं। इस दौरान सरकार से OPS को बहाल करने की जोरदार मांग उठाई जाएगी।
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि नई पेंशन योजना (NPS) उनके भविष्य के लिए फायदेमंद नहीं है, क्योंकि इसमें स्थिर पेंशन की गारंटी नहीं होती। वहीं, पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को निश्चित राशि मिलती थी, जिससे वे रिटायरमेंट के बाद भी आर्थिक रूप से सुरक्षित रहते थे। यही कारण है कि OPS की बहाली को लेकर देशभर में हलचल तेज हो रही है।
सरकार ले सकती है बड़ा फैसला
सरकार ने अब तक इस मुद्दे पर कोई ठोस घोषणा नहीं की है, लेकिन चर्चा है कि आने वाले समय में इस पर कुछ बड़ा फैसला लिया जा सकता है। कर्मचारियों की बढ़ती मांग और आंदोलनों को देखते हुए सरकार को इस पर विचार करना पड़ सकता है। यदि सरकार OPS को फिर से लागू करने का फैसला लेती है, तो इससे लाखों कर्मचारियों को राहत मिलेगी।
कई राज्य सरकारों ने इस दिशा में कदम भी बढ़ाए हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब जैसे राज्यों में OPS को आंशिक रूप से बहाल किया गया है। अब बाकी राज्यों के कर्मचारी भी उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी सरकारें भी इसी दिशा में कोई ठोस कदम उठाएंगी।
क्या होगा आगे
अब देखना यह है कि केंद्र सरकार इस पर क्या फैसला लेती है। लगातार बढ़ते दबाव और कर्मचारियों की मांग को देखते हुए संभावना है कि इस पर जल्द ही कोई ठोस फैसला लिया जाएगा। सरकार पर कर्मचारियों का दबाव बढ़ता जा रहा है और अगर आंदोलन और तेज होते हैं, तो सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना पड़ सकता है।
सरकारी कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है और आने वाले समय में इस पर कुछ अहम घोषणाएं हो सकती हैं। अगर सरकार OPS को फिर से लागू करती है, तो लाखों कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा। अब सभी की नजरें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।