Pension Scheme – हरियाणा सरकार ने दिव्यांगजन के लिए एक बड़ा और सराहनीय कदम उठाया है। अब 21 तरह की विकलांगता से ग्रस्त लोगों को हर महीने ₹3000 पेंशन मिलेगी। इसमें कई गंभीर बीमारियों को शामिल किया गया है, जैसे थैलेसीमिया, हीमोफीलिया, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी आदि।
सरकार का यह फैसला उन लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और अपनी मेडिकल जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि इस योजना का लाभ किसे मिलेगा और इसके लिए क्या शर्तें रखी गई हैं।
किन लोगों को मिलेगा ₹3000 पेंशन?
हरियाणा सरकार ने इस योजना में कुल 21 तरह की विकलांगता को शामिल किया है। अगर आप इनमें से किसी भी श्रेणी में आते हैं, तो आप इस पेंशन के हकदार हो सकते हैं।
पेंशन के लिए योग्य विकलांगता
- लोकोमोटर विकलांगता – शरीर की हड्डियों या जोड़ से जुड़ी विकलांगता
- कुष्ठ रोगी – इलाज से ठीक हो चुके कुष्ठ रोगी
- सेरेब्रल पाल्सी – जन्मजात दिमागी विकार
- मस्कुलर डिस्ट्रॉफी – मांसपेशियों की कमजोरी
- अंधापन – पूरी तरह दृष्टिहीनता
- कम दृष्टि – बहुत कमजोर नजर
- सुनने की अक्षमता – कानों से सुनने में परेशानी
- भाषा विकलांगता – बोलने में कठिनाई
- बौद्धिक विकलांगता – मानसिक विकास में बाधा
- विशिष्ट सीखने की विकलांगता – सीखने में असमर्थता
- ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार – न्यूरोलॉजिकल समस्या
- मानसिक बीमारी – गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं
- क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल स्थितियां – लंबे समय से चल रही दिमागी बीमारियां
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस – शरीर के नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्या
- पार्किंसंस रोग – शरीर में कंपन और धीमी हरकतें
- सिकल सेल रोग – खून की कमी और कमजोरी वाली बीमारी
- शारीरिक अपंगता – कोई स्थायी शारीरिक विकलांगता
- हीमोफीलिया – खून का थक्का न जमने की बीमारी
- थैलेसीमिया – खून से जुड़ी अनुवांशिक बीमारी
- एसिड अटैक पीड़ित – एसिड हमले से झुलसे लोग
- बौना कद – जिनकी लंबाई सामान्य से काफी कम होती है
पेंशन पाने के लिए जरूरी शर्तें
अगर आप इन 21 विकलांगताओं में से किसी भी श्रेणी में आते हैं और पेंशन का लाभ लेना चाहते हैं, तो आपको कुछ जरूरी शर्तें पूरी करनी होंगी।
- हरियाणा का मूल निवासी होना चाहिए।
- कम से कम 3 साल से हरियाणा में रह रहे हों।
- परिवार की सालाना आय ₹3 लाख से कम होनी चाहिए।
- उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए।
- हर साल सिविल सर्जन से मेडिकल सर्टिफिकेट का वेरिफिकेशन कराना जरूरी होगा।
सरकार ने बदले पेंशन नियम, अब हर साल होगा मेडिकल वेरिफिकेशन
हरियाणा सरकार ने दिव्यांग पेंशन योजना में एक और बदलाव किया है। अब थैलेसीमिया और हीमोफीलिया से ग्रस्त मरीजों के मेडिकल सर्टिफिकेट का हर साल सिविल सर्जन द्वारा वेरिफिकेशन किया जाएगा।
इसका मतलब यह है कि जिन लोगों को पेंशन मिल रही है, उन्हें हर साल अपना मेडिकल प्रमाण पत्र दिखाना होगा, जिससे यह साबित हो सके कि वे अभी भी इस पेंशन के योग्य हैं।
यह योजना क्यों है जरूरी?
हरियाणा में कई लोग गंभीर बीमारियों और विकलांगता से जूझ रहे हैं। उनके पास मेडिकल खर्च उठाने के लिए पर्याप्त साधन नहीं होते। ₹3000 की यह पेंशन उनके लिए आर्थिक सहारा बन सकती है। इससे वे अपनी दवाइयां, इलाज और दूसरी जरूरतें पूरी कर सकते हैं। इस योजना से उन परिवारों को भी राहत मिलेगी, जिनके घर में कोई दिव्यांग सदस्य है और उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है।
हरियाणा सरकार का यह फैसला दिव्यांग लोगों के लिए एक बड़ी राहत है। जिन लोगों की आय कम है और जो इन 21 विकलांगताओं में आते हैं, वे इस योजना के तहत ₹3000 पेंशन का लाभ उठा सकते हैं। अगर आप या आपका कोई जानने वाला इस पेंशन के लिए योग्य है, तो जल्द से जल्द आवेदन करें और इस सरकारी योजना का लाभ उठाएं। अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के समाज कल्याण विभाग से संपर्क करें।