अब वेटिंग टिकट पर यात्रा नहीं? 21 मार्च से नया नियम लागू, जानें पूरी सच्चाई – Railway Waiting Ticket Rule

Railway Waiting Ticket Rule – अगर आप ट्रेन में वेटिंग टिकट लेकर सफर करने की आदत बना चुके हैं, तो अब यह नियम बदलने वाला है! 1 मार्च 2025 से भारतीय रेलवे ने एक बड़ा बदलाव किया है – अब वेटिंग टिकट वालों को स्लीपर और एसी कोच में एंट्री नहीं मिलेगी। यानी अगर आपके पास कन्फर्म टिकट नहीं है, तो आपको जनरल (अनरिजर्व्ड) कोच में ही सफर करना होगा।

क्यों लाया गया ये नया नियम?

भारतीय रेलवे का कहना है कि आरक्षित कोचों में भीड़ को कम करने और यात्रियों के सफर को आसान बनाने के लिए यह बदलाव जरूरी था। अक्सर ऐसा होता था कि वेटिंग टिकट वाले यात्री भीड़ में किसी तरह सीट पाने की कोशिश करते थे, जिससे कन्फर्म टिकट वालों को भी परेशानी होती थी।

इसके अलावा, रेलवे अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का इस्तेमाल करके सीटों का सही आवंटन करेगा ताकि वेटिंग लिस्ट को कम किया जा सके और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिले।

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नए नियम की खास बातें:

बदलावनए नियम
लागू होने की तारीख1 मार्च 2025
वेटिंग टिकट वाले यात्रीसिर्फ जनरल कोच में यात्रा कर सकते हैं
स्लीपर और एसी कोचवेटिंग टिकट वालों के लिए पूरी तरह बंद
जुर्मानाएसी में पकड़े जाने पर ₹440, स्लीपर में ₹250 तक फाइन
टिकट बुकिंग अवधिपहले 120 दिन पहले बुकिंग होती थी, अब 60 दिन पहले ही कर सकेंगे
टाटकल टिकट टाइमिंगएसी के लिए सुबह 10 बजे, नॉन-एसी के लिए सुबह 11 बजे
रिफंड पॉलिसीट्रेन कैंसिल या 3 घंटे से ज्यादा लेट होने पर पूरा रिफंड मिलेगा

तो अब वेटिंग टिकट वालों के पास क्या ऑप्शन हैं?

अगर आपके पास वेटिंग टिकट है और आप आराम से सफर करना चाहते हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं! आपके पास कुछ विकल्प हैं:

  1. जनरल कोच में सफर करें – अब वेटिंग टिकट वालों को सिर्फ जनरल कोच में ही जाने दिया जाएगा।
  2. विकल्प योजना (Vikalp Scheme) – इस स्कीम के तहत, अगर आपकी ट्रेन में सीट कन्फर्म नहीं हुई, तो आपको उसी रूट पर किसी दूसरी ट्रेन में सीट दी जा सकती है।
  3. टाटकल टिकट आजमाएं – अगर आखिरी समय में सफर तय हुआ है, तो टाटकल या प्रीमियम टाटकल टिकट खरीदने की कोशिश करें।
  4. PNR स्टेटस चेक करते रहें – कई बार चार्ट बनने से पहले ही टिकट कन्फर्म हो जाता है, इसलिए अपने PNR स्टेटस पर नजर बनाए रखें।

अगर नियम तोड़ा तो क्या होगा?

अगर कोई वेटिंग टिकट वाला यात्री फिर भी स्लीपर या एसी कोच में सफर करने की कोशिश करता है, तो उसे भारी जुर्माना भरना पड़ेगा:

  • एसी कोच में पकड़े जाने पर ₹440 तक फाइन और साथ में शुरुआती स्टेशन से अगले स्टेशन तक का किराया।
  • स्लीपर कोच में पकड़े जाने पर ₹250 तक फाइन और अतिरिक्त किराया।

रिफंड मिलेगा या नहीं?

अगर आपकी ट्रेन कैंसिल हो जाती है या 3 घंटे से ज्यादा लेट हो जाती है, तो आपका पूरा पैसा रिफंड किया जाएगा। ऑनलाइन टिकट वालों के लिए, अगर टिकट चार्ट बनने तक कन्फर्म नहीं होता, तो ऑटोमैटिकली पूरा रिफंड मिल जाएगा।

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तो अब क्या करें?

अगर आप अक्सर वेटिंग टिकट लेकर सफर करते हैं, तो अब से अपनी टिकट बुकिंग की प्लानिंग पहले से करें। रेलवे की नई AI व्यवस्था आपको बेहतर सीट देने में मदद करेगी, लेकिन आपको पहले से टिकट बुक करने की आदत डालनी होगी।

भारतीय रेलवे का यह नियम उन यात्रियों के लिए परेशानी भरा हो सकता है जो अक्सर वेटिंग टिकट लेकर सफर करते हैं, लेकिन इससे ट्रेनों में अनावश्यक भीड़ कम होगी और सफर ज्यादा सुविधाजनक बनेगा। अब आपको अपनी यात्रा की पहले से ही प्लानिंग करनी होगी ताकि बिना किसी दिक्कत के आराम से सफर कर सकें!

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